शिमला, 02 दिसंबर। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में 13.25 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित ढली बस अड्डा जनता को समर्पित किया और इसका निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने सिर्फ चुनावी दृष्टि से बिना बजट के इस बस अड्डे का शिलान्यास किया था और ऐसा ही ठियोग बस अड्डे के लिए भी किया गया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बीते और इस वर्ष 5-5 करोड़ रुपये जारी कर 13 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण कार्य पूरा करवाया।
मुख्यमंत्री नेे कहा कि यहां 24 करोड़ रुपये की लागत से एचआरटीसी की एक आधुनिक वर्कशॉप भी बनाई जा रही है, जिसका कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने डबल ईंजन की सरकार के नाम पर प्रदेश की जनता को धोखा दिया। महज चुनाव जीतने के उद्देश्य से 5,000 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटीं लेकिन प्रदेश की प्रबुद्ध जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार बजट का समुचित प्रावधान करने के बाद ही विकासात्मक परियोजनाओं का शिलान्यास कर रही है तथा इन्हें समयबद्ध रूप से पूरा भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने ढली में 36 करोड़ रुपये की लागत से सब्जी मंडी के आधुनिकीकरण कार्य की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर मंडी का आधुनिकीकरण कार्य शुरू हो जाएगा और 18 महीने में इसका कार्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि शिमला में भी सीए स्टोर का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने ढली में नई पार्किंग बनाने का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार सड़कों का सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कई सड़कों को स्वीकृति नहीं दी जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी है। परवाणु-शिमला को दो साल में ढली तक फोरलेन बनाने का प्रयास किया जाएगा और वर्तमान राज्य सरकार एशिया के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण करेगी। सुखविंद्र सिंह सुक्खू नेे 1.65 करोड़ रुपये की लागत से बने सामुदायिक केंद्र समिट्री संजौली और पार्किंग सुविधा का भी लोकार्पण किया।
ढली में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां दूध पर समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार गाय का दूध 45 रुपये तथा भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर के दाम पर खरीद रही है।
उन्होंने कहा रोहड़ू में किसानों ने उनसे भेंट कर बताया कि दूध का मूल्य बढ़ने से उन्हें बहुत अधिक लाभ हुआ है। प्रदेश सरकार के निर्णयों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है। राज्य सरकार प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं और मक्की को क्रमशः 40 रुपये तथा 30 रुपये प्रति किलो की दर पर खरीद रही है, ताकि गांव के लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान राज्य सरकार ने बागवानों की फसलों को मंडी तक पहुंचाने के लिए समय पर सभी सड़कें बहाल कीं। शिमला और किन्नौर की सड़कों को बहाल करने के लिए 100 करोड़ रुपये जारी किए ताकि बागवानों को आर्थिक नुकसान न हो।
उन्होंने कहा कि आपदा में प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य की कोई मदद नहीं की। प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 4,500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया और लोगों को राहत देने के लिए नियमों में बदलाव कर नुकसान पर मिलने वाली मुआवजा राशि को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये किया है।