नई दिल्ली, 21 मई। घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट पर पिछले एक साल में 60 लाख से ज़्यादा लोगों ने एथनिक वियर की खरीदारी की है। इनमें से करीब 90 फीसदी ग्राहक ऐसे हैं जिन्होंने बार-बार शॉपिंग की। इस प्लेटफॉर्म पर आधे से ज्यादा एथनिक वियर खरीदार 25 से 35 साल के बीच हैं। यह दिखाता है कि ई-कॉमर्स का दायरा खासकर के युवाओं में कैसे तेजी से बढ़ रहा है।
फ्लिपकार्ट ने अपने महिलाओं के एथनिक वियर सेगमेंट की वृद्धि से जुड़े बड़े ट्रेंड्स सामने रखे। इन जानकारियों में क्षेत्रीय रुझानों, बदलते कस्टमर बिहेवियर और उन डिजिटल-फर्स्ट ब्रांड्स की चर्चा की गई है, जो पारंपरिक पहनावे को आधुनिक रिटेल परिवेश में नए रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। ‘हर रोज पहनने वाले’ एथनिक वियर की देशभर में मांग तेजी से बढ़ रही है, जिनमें बेंगलुरु, नई दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, पटना, लखनऊ, चेन्नई, पुणे, मुंबई और गुवाहाटी जैसे शहर खास हैं।
खरीदारी के व्यवहार की यदि बात करें तो महिलाओं के एथनिक वियर में 65 फीसदी खरीदारी खुद महिलाएं करती हैं, जबकि पुरुषों के एथनिक वियर में 88 फीसदी शॉपिंग पुरुष खुद करना पसंद करते हैं। यह कैटेगरी छोटे शहरों में भी तेजी से पॉपुलर हो रही है। देश के टियर-3 और छोटे कस्बों से अब 55 फीसदी ग्राहक जुड़ रहे हैं, जो दिखाता है कि फैशन अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रहा। आज के एथनिक फैशन में ट्रेडिशन और ट्रेंड का सुंदर मेल देखने को मिल रहा है। इंडो-वेस्टर्न आउटफिट्स भी युवाओं में काफी पसंद किए जा रहे हैं।
फ्लिपकार्ट फैशन के वाइस प्रेसिडेंट कुनाल गुप्ता ने कहा, “फ्लिपकार्ट पर हम एथनिक वियर कैटेगरी, खासतौर पर साड़ी और कुर्ता में जबरदस्त वृद्धि देख रहे हैं, जो पूरे देश में ग्राहकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। एथनिक फैशन आज टियर-2 और टियर-3 शहरों के नए खरीदारों के लिए एक अहम प्रवेश द्वार बनकर उभरा है, जहां पारंपरिक पहनावे की जरूरतें अब ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा से पूरी हो रही हैं। यह सेगमेंट न केवल नए ग्राहकों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि हमारे विविध उपभोक्ता वर्ग की गहरी सांस्कृतिक पसंद को भी दर्शा रहा है।“
2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का एथनिक वियर बाजार करीब 197.2 अरब डॉलर का था, जिसकी 2033 तक 558.5 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
पिछले साल के प्रमुख ट्रेंड्स:-
-कुर्ता सेट्स सबसे ज्यादा पॉपुलर (42 फीसदी), साड़ी (24 फीसदी) और कुर्तियां (18फीसदी)
-मई 2025 में: अनारकली सूट्स की मांग 45 गुना, चिकनकारी कुर्ते 40 गुना और रेडी-टू-वियर साड़ियाँ 3 गुना बढ़ीं
-ब्लैक साड़ियों और लॉन्ग फ्रॉक्स के लिए सर्च में तेज उछाल
-त्योहारों पर डिमांड पैटर्न— ईद, दिवाली, रक्षाबंधन में कुर्ता सेट्स और दुर्गा पूजा, ओणम, पोंगल में साड़ी
-लखनऊ की चिकनकारी, गुजरात की बंधनी, महाराष्ट्र की पैठणी और केरल की कसावु को नेशनल डिमांड मिल रही है।
-ग्राहक रोजमर्रा, ऑफिस, कॉलेज, त्योहारों और शादी-ब्याह के लिए एथनिक वियर खरीदते हैं।
-बिक्री का पीक सीजन अगस्त–नवंबर (त्योहार) और नवंबर–फरवरी, अप्रैल–मई (शादी) रहता है।
कोणार्क, शिशिर, वृत्तिका जैसे शिल्पकार ब्रांड्स और लिबास, इंडो एरा, जनस्या, मिर्ची फैशन जैसे नेशनल ब्रांड्स प्लेटफॉर्म पर अच्छी परफॉर्मेंस दे रहे हैं।