शिमला, 12 मई। हिमाचल प्रदेश में मई महीने के दूसरे सप्ताह में भी मौसम का मिजाज बदला हुआ है। सोमवार को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश और अंधड़ का दौर जारी रहा। शिमला, मनाली, कुल्लू और मंडी में सुबह से रुक-रुक कर हल्की बारिश हो रही है जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी भी हुई है। प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में ठंडक बढ़ गई है जबकि मैदानी क्षेत्रों में गर्मी का असर लगभग न के बराबर है।
बीती रात भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में अंधड़ और हल्की वर्षा हुई। हालांकि कहीं से किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। मौसम विभाग ने सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इन जिलों में कुछ स्थानों पर मेघगर्जन, बिजली चमकने और 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चलने की आशंका जताई है।
विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में 12 मई के बाद भी मौसम खराब बना रह सकता है। 13 से 18 मई तक पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। हालांकि इस अवधि के दौरान किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
रविवार रात हुई वर्षा की बात करें तो चंबा के भरमौर में सबसे ज्यादा 10 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला, कुफरी, कुकुमसेरी और कोठी में 2-2 मिलीमीटर, जबकि ऊना, डलहौजी, मनाली और पंडोह में 1-1 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
अंधड़ की गति की बात करें तो रिकांगपिओ में सबसे तेज 57 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। बजुआरा में 52, शिमला और कुफरी में 44-44, ताबो में 39, नारकंडा और नेरी में 31-31 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ दर्ज किया गया।
तेज हवाओं और बारिश के चलते प्रदेश के छह प्रमुख पहाड़ी शहरों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। लाहौल-स्पीति के कुकुमसेरी में सोमवार सुबह न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। केलंग में 4.7, ताबो में 5.9, किन्नौर के कल्पा में 7.5, शिमला के नारकंडा में 7.8 और कुफरी में 9.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम में आई इस ठंडक ने जहां एक ओर पर्यटकों के लिए आनंद बढ़ाया है वहीं लोगों को फिर से गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में यह बदलाव आया है और आने वाले दिनों में भी इसका असर जारी रह सकता है।