नई दिल्ली, 16 जून। केंद्र सरकार ने सोमवार को 2027 में होने वाली 16वीं जनगणना के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी है। इस जनगणना में पहली बार जाति गणना भी शामिल होगी।
अधिसूचना के अनुसार लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के केंद्र शासित प्रदेशों में जनगणना 1 अक्टूबर, 2026 की मध्यरात्रि से शुरू होगी, जबकि देश के बाकी हिस्सों में गिनती 1 मार्च, 2027 की मध्यरात्रि से शुरू होगी।
अधिसूचना में कहा गया है, “केंद्रीय सरकार, जनगणना अधिनियम, 1948 (1948 का 37) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग 2, खंड 3, उप-खंड (ii), तारीख 28 मार्च, 2019 में प्रकाशित भारत सरकार के गृह मंत्रालय (भारत के महारजिस्ट्रार का कार्यालय) की अधिसूचना संख्या का.आ. 1455(अ), तारीख 26 मार्च, 2019 के अधिक्रमण में उन बातों के सिवाय जिन्हें ऐसे अधिक्रमण से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है. यह घोषणा करती है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी।”
अधिसूचना में कहा गया है, “जनगणना के लिए संदर्भ तारीख, संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख के और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फ से घिरे असमकालिक क्षेत्रों के सिवाय, मार्च, 2027 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी।”
अधिसूचना में कहा गया है, “संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख , जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बर्फ से घिरे असमकालिक क्षेत्रों के संबंध में, संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2026 को 00:00 बजे होगी।”
अधिसूचना जारी करने से एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी।
जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण यानी हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (एचएलओ) में प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण यानी जनसंख्या गणना (पीई) में प्रत्येक घर के प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी। जनगणना में जाति गणना भी की जाएगी।
जनगणना कार्य के लिए लगभग 34 लाख कर्मचारी और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे। यह जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 16वीं जनगणना है और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना है। आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा। संग्रहण, प्रेषण और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।