शिमला, 05 जुलाई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसर से राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना (आरजीएसएसवाई) के तहत 20 ई-टैक्सियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह योजना राज्य सरकार की पर्यावरण हितैषी सोच और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के अंतर्गत पात्र युवाओं को ई-टैक्सी खरीदने के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। अब तक 59 युवाओं को 4.22 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है, जबकि 61 अन्य लाभार्थियों को शीघ्र ही सब्सिडी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना से प्रदेश के युवाओं को स्थायी आय का स्रोत मिल रहा है और उन्हें सरकारी कार्यालयों से जोड़कर पांच वर्षों के लिए निश्चित आय सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा, योजना में दो साल के विस्तार का भी प्रावधान है, जिससे लंबे समय तक स्वरोजगार की निरंतरता बनी रह सकेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस पहल से राज्य का वित्तीय बोझ घटाने में मदद मिलेगी।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए सरकार नीतियां बना रही है। जलवायु परिवर्तन के खतरों को देखते हुए ई-वाहनों और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देना समय की मांग है। ई-टैक्सियों को बढ़ावा देना इसी नीति का हिस्सा है, जो प्रदूषण कम करने में सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को न केवल सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर दे रही है, बल्कि उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित भी कर रही है। राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के माध्यम से विदेशों में बेहतर वेतन वाले रोजगार के अवसर भी तलाशे जा रहे हैं। अब निगम को भर्ती एजेंसी के रूप में लाइसेंस मिल चुका है और वह विभिन्न देशों के महावाणिज्य दूतावासों से समझौते कर सकेगा। इससे हिमाचल के युवाओं को विदेशों में सुरक्षित और सम्मानजनक रोजगार प्राप्त करने का मार्ग खुलेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के सतत प्रयासों से शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। हाल ही में शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान से छलांग लगाकर 5वां स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एम्स दिल्ली की तर्ज पर अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित कर रही है ताकि आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध हो सके।