शिमला, 09 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने से मची तबाही के बीच सामाजिक संस्था नोफल - एक उम्मीद बाढ़ प्रभावित लोगों के बेजुबान पशुओं का सहारा बन गई है। संस्था ने बुधवार को मंडी के बगस्याड़ गांव (शरण) में बाढ़ प्रभावित परिवारों के पशुओं के लिए चार गाड़ियों में चारा पहुंचाया। इसमें चौकर, फीड, तारामीरा, आटा और तुड़ी शामिल थी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद रहे। उन्होंने खुद संस्था के माध्यम से यह सहायता बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों को सौंपी और संस्था के सेवा कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नोफल संस्था बहुत ही नेक कार्य कर रही है और आपदा की घड़ी में यह संस्था पीड़ितों का सच्चा सहारा बनी है।
कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष गुरमीत सिंह, महामंत्री पूनम नेगी, गांव के निवासी भरत और उप प्रधान गंगा राम भी मौजूद रहे। संस्था अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने कहा कि जब तक राहत कार्य चलते रहेंगे, नोफल संस्था बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करती रहेगी।
गुरमीत सिंह ने बताया कि नोफल संस्था पहले भी कई आपदाओं में सक्रिय रही है। वर्ष 2023 में मंडी के समेज, शिवपावड़ी और अन्य क्षेत्रों में आई मानसूनी आपदा के दौरान भी संस्था ने राहत सामग्री और सहायता पहुंचाई थी।
जनसेवा में लगातार सक्रिय है संस्था
नोफल संस्था न केवल आपदा में, बल्कि सामान्य दिनों में भी समाजसेवा में लगी रहती है। संस्था द्वारा किए जाने वाले प्रमुख कार्यों में कैंसर अस्पताल के पास मरीजों के लिए लंगर और नि:शुल्क आवास सुविधा, गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्चा, जरूरतमंद लड़कियों की शादी में सहायता और बेघरों के लिए घर बनाने में मदद शामिल है।