शिमला, 01 अगस्त। लंबे समय से घाटे की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) ने वित्त वर्ष 2024-25 में इतिहास में पहली बार 315 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक लाभ कमाया है। यह अब तक का सबसे अधिक लाभ है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बोर्ड का घाटा 31 मार्च 2024 तक 3,742 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने वित्तीय अनुशासन, पारदर्शी नीतियों और खर्च में कटौती के जरिए बोर्ड को घाटे से उबारकर मुनाफे की राह पर ला खड़ा किया। मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालते ही ‘आर्थिक सुधार और सुशासन’ को प्राथमिकता दी और सभी सरकारी उपक्रमों को आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए।
प्रवक्ता के मुताबिक बोर्ड की बेहतर आर्थिक स्थिति से कर्मचारियों और पेंशनरों को भी बड़ा लाभ हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रेच्युटी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, संशोधित पेंशन एरियर और अवकाश नकदीकरण जैसे मदों के लिए 368.89 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई, जो पिछले साल केवल 87.56 करोड़ रुपये थी। 31 जुलाई 2025 तक इनमें से 187.86 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। इससे राज्य सरकार की संवेदनशीलता और कर्मचारियों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता साफ नजर आती है।
इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बोर्ड प्रबंधन, अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह ईमानदार प्रशासन और जनकल्याणकारी नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आगे भी सभी सार्वजनिक उपक्रमों में सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे, ताकि प्रदेश को आर्थिक रूप से और मजबूत किया जा सके और जनता को सस्ती व बेहतर सेवाएं मिल सकें।