शिमला, 17 मार्च। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 58514 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है। यह पिछले वर्ष के बजट की तुलना में 70 करोड़ रुपये अधिक है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्त मंत्री के तौर पर अपना तीसरा बजट पेश करते हुए आधा दर्जन नई योजनाओं की घोषणाएं की हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू के इस बजट में राजस्व प्राप्तियां 42343 करोड़, जबकि राजस्व व्यय 48733 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है। इस तरह कुल राजस्व घाटा 6,390 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में राजकोषीय घाटा 10,338 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो कि प्रदेश सकल घरेलू उत्पाद का 4.04 फीसदी है।
मुख्यमंत्री ने सदन काे बताया कि इस बजट में प्रति सौ रुपये में से वेतन पर 25 रुपये, पेंशन पर 20 रुपये, ब्याज अदायगी पर 12 रुपये, ऋण अदायगी पर 10 रुपये, स्वायत संस्थानों के लिए ग्रांट पर नौ रुपये, जबकि शेष 24 रुपये विकास और अन्य कार्यों पर खर्च किए जाएंगे। बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि व सामाजिक सुरक्षा को प्रमुखता दी गई है। युवाओं, किसानों, महिलाओं, कर्मचारियों और वृद्धजनों के लिए बजट में अहम घोषणाएं हुई हैं। मुख्यमंत्री ने अपने करीब ढाई घंटे के लंबे बजट भाषण में करीब आधा दर्जन नई योजनाओं की घोषणाएं की।
कर्मचारियों को 1 अप्रैल, 2024 से 4 फीसदी महंगाई भत्ता देने की घोषणा
लंबे समय से इंतजार कर रहे कर्मचारियों को 3 फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) की किस्त देने की घोषणा की गई है। यह किस्त 15 मई 2025 से दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने पहले चरण में 70 वर्ष से 75 वर्ष के आयु वर्ग के पैंशनरों के बकाया एरियर का भुगतान इसी 15 मई से भुगतान करने की प्रक्रिया शुरूआत कर दी जाएगी। इसी तरह चतुर्थ श्रेणी, तृतीय श्रेणी, द्बितीय श्रेणी और प्रथम श्रेणी के कर्मचारियों व अधिकारियों को उनके बकाया वेतन एरियर का चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा। इससे कुल 1 लाख 75 हजार से अधिक कर्मचारियों व अधिकारियों को लाभ होगा। वेतन व पेंशन एरियर पर कुल 425 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
विभिन्न श्रेणियों के 25 हजार पदों पर होगी भर्ती
बजट में मुख्यमंत्री ने बेरोजगार युवाओं के लिए 25 हजार नौकरियों का एलान किया है। इनमें महाविद्यालयों व विद्यालयों में विभिन्न श्रेणियों के एक हजार पद भरे जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग में आयुष चिकित्सा अधिकारियों के 200, होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों के तीन, सोवा रिग्पा चिकित्सा अधिकारियों के तीन, युनानी चिकित्सा अधिकारियों के दो, आयुर्वेदिक फार्मेसी अधिकारियों के 52, लैब तकनीशियनों के 32, स्टाफ नर्सों के 33, एनएनएम के 82, जेओए आईटी के 42 पदों को भरा जाएगा। पुलिस विभाग में कांस्टेबलों के एक हजार पदों पर भर्ती होगी। होमगार्ड स्वयं सेवक चालकों के 113 पदों को भरा जाएगा। पंचायत सचिवों के 853 पदों को सीधी भर्ती व तकनीकी सहायकों के 219 पद भरे जाएंगे। 290 आशा वर्करों की भी नियुक्ति होगी।
एक हजार रोगी मित्र 15 हजार के मानदेय पर होंगे नियुक्त
मुख्यमंत्री ने बजट में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने व मरीजों की देखभाल के लिए रोगी मित्र योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में एक हजार के करीब रोगी मित्र नियुक्त किए जाएंगे। इन रोगी मित्रों केा 15 हजार मासिक मानदेय देय होगा, जिस पर राज्य सरकार 18 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
आंगनबाड़ी व मिड-डे मील कर्मियों का बढ़ेगा मानदेय
बजट में बढ़े हुए मानदेय के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 10500 रुपये मासिक, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 7300, आंगनबाड़ी सहायिका को 5800, आशा वर्कर को 55800, मिड-डे मील वर्कर्ज को 5000, वाटर कैरियर (शिक्षा विभाग) को 5500, जलरक्षक को 5600, जल शक्ति विभाग के मल्टी पर्पस वर्कर्ज को 5500, पैरा फिटर तथा पम्प-ऑप्रेटर को 6600, पंचायत चौकीदार को 8500, राजस्व चौकीदार को 6300, राजस्व लम्बरदार को 4500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसके साथ सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500, एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में 500, आईटी शिक्षक को 500, एसओपीएस को 300 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी दी जाएगी। बजट में आऊटसोर्स कर्मियों को न्यूनतम 12750 रुपये देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट का मासिक मानदेय 7,170 रुपये से बढ़ाकर 17,820 रुपये कर दिया गया है। वहीं आउटसोर्स पर कार्यरत रेडियोग्राफरों के वेतन को 13,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 425 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी। इसी तरह मनरेगा मजदूरी को 20 रुपये बढ़ाकर 320 रुपये करने का प्रावधान किया गया है।
पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ेगा
बजट में घोषणा के अनुसार जिला परिषद अध्यक्ष को एक हजार रुपये की बढ़ाेतरी कर 25 हजार रुपये मिलेंगे। इसी तरह जिला परिषद उपाध्यक्ष को अब 19 हजार, जिला परिषद सदस्य को 500 रुपये, पंचायत समिति अध्यक्ष को 600 रुपये, पंचायत समिति उपाध्यक्ष को 600 रुपये, पंचायत समिति सदस्य को 300 रुपये, ग्राम पंचायत प्रधान को 300 रुपये, ग्राम पंचायत उपप्रधान को 300 रुपये और ग्राम पंचायत सदस्य के मानदेय में 300 रुपये बढ़ाेतरी करने का प्रावधान किया गया है।
नगर निकायों के प्रतिनिधियों का भी बढ़ा मानदेय
मुख्यमंत्री ने बजट में नगर निगम महापौर को 25 हजार रुपये प्रतिमाह, उपमहापौर को 19 हजार रुपये प्रतिमाह, काऊंसलर को 9400 रुपये प्रतिमाह, नगर परिषद अध्यक्ष को 10800 रुपये प्रतिमाह, उपाध्यक्ष को 8900 रुपये प्रतिमाह, पार्षद को 4500 रुपये प्रतिमाह, नगर पंचायत प्रधान को 9000 रुपये प्रतिमाह, उपप्रधान को 7000 रुपये प्रतिमाह व सदस्य को 4500 रुपए प्रतिमाह मानदेय देने का प्रावधान किया।
महिलाओं काे मिलेगी प्रतिमाह आर्थिक मदद
बजट पेश करने के दाैरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि के तहत 18 से 59 साल की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किया जाता है। चरणबद्ध तरीके से इस योजना का लाभ सभी पात्र महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच 21 वर्ष की उम्र पूरी करने वाली हर पात्र बेटी को 1500 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। 1 जून 2025 से उन महिलाओं को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा, जो दूसरों के घरों में काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं। उनकी पात्र बेटियों को भी 1500 रुपये प्रतिमाह की सहायता मिलेगी।