शिमला, 10 अप्रैल। अरुणाचल प्रदेश में जलविद्युत विकास को गति देने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) ने 3097 मेगावाट क्षमता वाली एटालिन जलविद्युत परियोजना के लिए भूमि मुआवज़े के रूप में 269.97 करोड़ रूपये की राशि जारी की है। यह राशि 26 मार्च 2025 को दिबांग घाटी के डीसी और डीएलआरएसओ के संयुक्त खाते में जमा कर दी गई है।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) राज कुमार चौधरी ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अध्यक्षता में गुरूवार को तवांग में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी दी। इस बैठक में अरूणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोवना मेन, मुख्य सचिव, विद्युत आयुक्त, सचिव (एलएम) और एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री खांडू ने परियोजना में आए सकारात्मक प्रगति की सराहना की और राज्य सरकार की ओर से आवश्यक मंजूरियों में तेजी लाने और सतत विकास को सुनिश्चित करने हेतु पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
राज कुमार चौधरी ने कहा कि यह मुआवज़ा न केवल स्थानीय समुदायों के अधिकारों का सम्मान है बल्कि यह देश की ऊर्जा संरचना के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। एसजेवीएन राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि 12 अगस्त 2023 को एसजेवीएन ने अरुणाचल सरकार के साथ 5097 मेगावाट क्षमता की कुल पांच जलविद्युत परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें से एटालिन सबसे बड़ी है। इन परियोजनाओं से करीब 60 हजार करोड़ का संयुक्त निवेश प्रस्तावित है।
एटालिन परियोजना में दो प्रमुख बांधों का निर्माण प्रस्तावित हैकृएक ड्रि नदी पर और दूसरा तालो (टैंगोन) नदी पर जिसमें एक भूमिगत विद्युत गृह कॉम्प्लेक्स भी शामिल होगा। परियोजना को दिसंबर 2033 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह परियोजना न केवल राज्य के विकास को गति देगी, बल्कि राष्ट्रीय ऊर्जा उत्पादन में भी अहम योगदान देगी।