ऊना, 10 अप्रैल। हर इंसान का एक सपना होता है—अपना घर। एक ऐसी जगह, जहां ज़िंदगी सुकून से बीते, जहां हर कोना अपनों की हंसी से गूंजे और जहां सिर पर एक मजबूत छत हो। लेकिन जब गरीबी इस सपने को अधूरा छोड़ देती है, तब सरकार की मदद किसी वरदान से कम नहीं होती।
हिमाचल सरकार का आशियाने वाला तोहफा
हिमाचल प्रदेश सरकार की स्वर्ण जयंती आश्रय योजना ने ऊना जिले में कई गरीब और जरूरतमंद परिवारों के जीवन को एक नई दिशा दी है। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उन लोगों को सहायता देना है जिनके पास अपनी ज़मीन तो है, पर पक्के घर बनाने के लिए संसाधनों की कमी है।
दो साल, 174 पक्के मकान, 2.61 करोड़ की सहायता
जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा के अनुसार, बीते दो वर्षों में ऊना जिले में 174 लाभार्थियों को इस योजना के तहत लगभग 2.61 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र व्यक्ति को 1.50 लाख रुपये की मदद दी जाती है, जिससे वे अपने पक्के मकान का निर्माण कर सकें।
सपनों को मिला आसरा, दिल से निकला आभार
सुनेहरा गांव के मलकीत कुमार बताते हैं, “बरसात में जब कच्ची छत टपकती थी, तब लगता था ये घर कभी पक्का नहीं होगा। लेकिन सरकार की मदद से आज हमारा खुद का मजबूत घर है।”
गांव की ही गुरबचनी देवी, नंगल सलांगड़ी के कश्मीर सिंह, रायपुर सहोड़ा के कृष्ण गोपाल और तरसेम लाल, बहडाला के हरबंस सिंह, बरनोह के अशोक कुमार और अन्य कई लाभार्थियों ने भी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का आभार जताया है।
जिला प्रशासन की पूरी तत्परता
उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि कोई भी पात्र व्यक्ति इस योजना से वंचित न रहे, इसके लिए प्रशासन पूरी संजीदगी से काम कर रहा है। जिला स्तर पर इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।