शिमला, 12 अप्रैल। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों में संपर्क सुविधा को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रदेश की कई सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों के रखरखाव और निर्माण की जिम्मेदारी सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने यह बात बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन से शनिवार को हुई मुलाकात के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधीन आने वाली लियो चांगो और शिव मंदिर से गुए तक की सड़क सहित अन्य महत्वपूर्ण सड़कों को बीआरओ को सौंपने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। इसके साथ ही उन्होंने वांगतू-अटरगू-मुध-भावा दर्रा सड़क को भी बीआरओ के अधीन देने का प्रस्ताव रखा, जो किन्नौर को लाहौल-स्पीति जिले से जोड़ेगी। हाल ही में इस मार्ग को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी भी मिल चुकी है, जिससे निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
यह सड़क 4,865 मीटर की ऊंचाई पर बनेगी और खारदुंगला के बाद देश की दूसरी सबसे ऊंची वाहन योग्य सड़क होगी। इसके बन जाने से शिमला और काजा के बीच की दूरी करीब 100 किलोमीटर घटकर 310 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे लाहौल-स्पीति क्षेत्र में नाको, समदो और ताबो मार्ग के अलावा एक और वैकल्पिक संपर्क मार्ग उपलब्ध हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल सामरिक दृष्टि से फायदा होगा, बल्कि पर्यटन को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने चंबा-बैरागढ़-साचपास-किलाड़ मार्ग को भी बीआरओ के अधीन लेने की सिफारिश की। यह मार्ग भारत-पाक सीमा और एलएसी के पास स्थित पांगी घाटी को जोड़ता है और मनाली-लेह मार्ग के बंद होने की स्थिति में वैकल्पिक संपर्क का कार्य करता है। वर्तमान में यह सड़क वर्ष में केवल 4 से 5 माह ही खुली रहती है। उन्होंने 13 किलोमीटर लंबी तीसा सुरंग को भी बीआरओ को सौंपने की बात कही, जिससे चंबा और किलाड़ के बीच की दूरी 88 किलोमीटर कम हो जाएगी और साल भर संपर्क संभव हो सकेगा।
सीएम सुक्खू ने कहा कि बीआरओ की भागीदारी से सीमावर्ती इलाकों में सड़क अवसंरचना विकास को नई गति मिलेगी और यह प्रदेश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बीआरओ द्वारा दुर्गम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि संगठन न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देता है बल्कि आम नागरिकों के जीवन को भी सुगम बनाता है।
इससे पहले महानिदेशक रघु श्रीनिवासन ने मुख्यमंत्री से भेंट कर परियोजना 'दीपक' के तहत प्रदेश में चल रही प्रमुख सड़कों की प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बीआरओ एनएच-03, एनएच-05 और एनएच-505 के उन्नयन, सुधार और विकास का कार्य कर रहा है, जिनसे मनाली और सिस्सू जैसे क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल रही है।
महानिदेशक ने बताया कि जिन सड़कों को बीआरओ के अधीन लेने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें लोक निर्माण विभाग से औपचारिक हस्तांतरण के बाद तेजी से कार्यान्वित किया जाएगा।