नई दिल्ली, 21 जुलाई। राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. सिकंदर कुमार ने सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन संसद में दो बड़े और अहम मुद्दे पूरे जोर के साथ उठाए।
डॉ. सिकंदर कुमार ने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में युवाओं में बढ़ती नशे की लत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह समस्या आज बहुत खतरनाक रूप ले चुकी है। यह नशा केवल शराब या सिगरेट का नहीं है, बल्कि गांजा, हेरोइन, अफीम, चरस और रसायनों से बने खतरनाक मिश्रणों का है, जो युवाओं का जीवन बर्बाद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आपराधिक गिरोहों के जरिए कैनबिस, कोकीन, हेरोइन और मेथामफेटामाइन जैसी नशीली दवाओं की तस्करी भी हो रही है, जिससे सिर्फ युवाओं का भविष्य ही नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा भी खतरे में है।
डॉ. सिकंदर कुमार ने केंद्र सरकार से अपील की कि इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए सख्त कानून और ठोस नीति बनाई जाए। साथ ही स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई के दौरान नशे के नुकसान और नशामुक्ति से जुड़ा पाठ भी शामिल किया जाए, ताकि युवा जागरूक हो सकें।
इसके अलावा डॉ. सिकंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक नगर बद्दी में पर्यावरण स्वीकृति के बिना अवैध रेत खनन का मुद्दा भी संसद में उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या इस पर कोई निर्देश राज्य खनन विभाग को दिए गए हैं? साथ ही पिछले तीन वर्षों में अवैध खनन से हुए नुकसान और इसे रोकने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी मांगी।
इस पर जवाब देते हुए केन्द्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि अवैध खनन रोकना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। मंत्री ने बताया कि हिमाचल सरकार ने अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जैसे रात के समय खनन पर प्रतिबंध, उड़नदस्तों का गठन, एफआईआर दर्ज करना, खनन क्षेत्रों में साइन बोर्ड लगाना, अवैध वाहनों और सामग्री को जब्त करना और पारगमन पास का सख्ती से सत्यापन करना आदि।
मंत्री ने सदन में पिछले तीन वर्षों में अवैध खनन रोकने के लिए हिमाचल सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों का पूरा ब्यौरा भी रखा।